Tuesday 30 January 2018

सबसे रहस्यमयी मंदिर

                       हमारा भारत देश किस्से -कहानियों का देश है, जो अपने अन्दर न जाने कितने रहस्यमयी कहानियों और बातों को छिपाये हुए है | हमारे देश में कई ऐसे रहस्यमयी ओर प्राचीन मंदिर है जो कई सौ सालों से लोगों और वैज्ञानिकों के लिए रहस्य का कारण बने हुए हैं | इन रहस्यमयी मंदिरों ने विश्व के कई वैज्ञानिकों का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है |
             
                       
                         
                            आज हम एक ऐसी ही रहस्यमयी मंदिर के बारे में बात करेंगे | हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित ज्वाला देवी का प्राचीन मंदिर अत्यन्त रहस्यमयी है जिसका रहस्य आज तक पहेली बनकर रह गया है | यह मंदिर रहस्यमयी और चमत्कारिक मंदिरों की सूची में सबसे ऊपर है |पुराणों के अनुसार 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ यह भी है | कहा जाता है कि इस स्थान पर देवी सती की जीभ गिरी थी |
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इस मंदिर की सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि इस मंदिर के पर्वत की चट्टान पर नौ अलग -अलग जगहों पर बिना किसी ईंधन के ज्योति निरन्तर जलती रहती है | मंदिर में मौजूद नौ ज्योतियों में एक प्रमुख ज्वाला चाँदी के आले में स्थित है, जिसे महाकाली कहते हैं | हिमालय की पहाड़ियों से घिरा यह स्थान चारों ओर से घने जंगलों से घिरा हुआ है | कहते हैं कि इस मंदिर का निर्माण सम्राट भूमिचन्द्र ने एक ग्वाले के कहने पर करवाया था |इस मंदिर में शुरू में जिन भोजक ब्राह्मणों ने पुजा अर्चना की थी आज भी उनके वंशज ही यहाँ पर पुजा अर्चना कर रहे हैं |


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                              इस मंदिर के बारे में एक और कहानी बताई जाती है कि एक बार मुगल बादशाह अकबर ने भी ज्वाला देवी की अग्नि को बुझाने का प्रयास किया था ,लेकिन लाख प्रयास करने पर भी ज्योति निरन्तर जलती रही |इतने निरन्तर प्रयास करने के बाद भी जब सम्राट अकबर अग्नि बुझाने में नाकाम रहे तो वो भी माँ ज्वाला के सामने सिर झुका लिया और श्रद्धापूर्वक सवा मन का एक सोने का छत्र मंदिर में दान किया |http://collegestar.in/?p=5037

                    
  

                    मंदिर में जल रही यह ज्योति सदियों से निरन्तर जलती आ रही है | इस मंदिर में दूसरा हैरान करने वाला रहस्य यह है कि इस मंदिर में एक गोरख डिब्बी है जिसमें पानी खौलता रहता है, परन्तु जब उस पानी को छुआ जाता है तो वह पानी एकदम ठंडा लगता है | वहाँ आने वाले लोग अपने हाथ इस पानी में डालकर देवी माँ का आशीर्वाद लेते हैं |वहाँ पर कई वैज्ञानिकों ने अनेकों बार शोध किये लेकिन कोई भी अभी तक यह नहीं पता कर पाया कि इसके पीछे क्या कारण है |

Sunday 28 January 2018

फर्श पर सोने मात्र से महिलाएँ गर्भवती

नमस्कार दोस्तों, 

                एक एेसा मंदिर जहाँ फर्श पर सोने मात्र से महिलाएँ गर्भवती यानी प्रेग्नेन्ट हो जाती हैं, जी हाँ दोस्तो आपने सही पढ़ा | विज्ञान आज भी हैरान -परेशान है और इस चमत्कार की गुत्थी को सुलझा नहीं पाया है |

                    वेलकम दोस्तो, आज हम आपको बताने जा रहे हैं भारत के एक ऐसे मंदिर के बारे में जहाँ फर्श पर सोने मात्र से निःसंतान महिलाओं को संतान की प्राप्ति होती है और विज्ञान भी हैरान है|यकीनन दोस्तो आपको भी इस चमत्कार पर यकीन नहीं होगा |       


                     भारत विविधताओं का देश है |यहाँ कई ऐसे शक्तिशाली एवं चमत्कारिक मंदिर है, जिनके बारे में जानकर एक बार तो विश्वास नहीं होता है परन्तु दोस्तो हम आये दिन कोई न कोई चमत्कार देखते या सुनते रहते हैं, जो विज्ञान की हदों को पार कर आस्था के चरम का प्रतीक होती है |इसे आप अंधविश्वास या विश्वास भी कह सकते हैं |

                            दोस्तो विज्ञान को हैरान करने वाली वह चमत्कारिक मंदिर हिमाचल में स्थित सिमसा माता का मंदिर है |इस मंदिर की मान्यता है कि इस मंदिर के फर्श पर सोने से स्त्रियाँ गर्भवती हो जाती हैं |आज के युग में यह सुनकर आपको हँसी आ रही होगी, परन्तु हम कोई मजाक नहीं कर रहे हैं, ये हकीकत है और इसके कई जीवित प्रमाण भी हैं |

                            दोस्तो, यूँ तो निःसन्तान दम्पति संतान प्राप्ति के लिए न जाने क्या - क्या करते हैं, परन्तु हिमाचल के सिमस गाँव में सिमसा माता का ऐसा मंदिर है जहाँ मात्र फर्श पर सोने से ही संतान की प्राप्ति होती है| इसे संतान दात्री मंदिर के नाम से भी जाना जाता है |यहाँ दूर -दूर से महिलाएँ मंदिर के फर्श पर सोने के लिए आती हैं |नवरात्रि में यहाँ शैलेन्द्रा उत्सव मनाया जाता है, जिसका अर्थ है - सपने आना |


                      नवरात्रि में आस -पास के राज्यों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, चण्डीगढ़ से हजारों निःसन्तान महिलाएँ यहाँ आती हैं और दिन रात मंदिर के फर्श पर सोती है| ऐसी मान्यता है कि जो महिला माता सिमसा के प्रति मन में श्रद्धा भाव लेकर यहाँ आती है ,उन्हें माता सिमसा सपने में मानव रूप में या प्रतीक रूप में दर्शन देकर संतान का आशीर्वाद प्रदान करती है |लोगों के कथनानुसार माता सिमसा सपने में महिलाओं को फल देती है और महिलाएँ सपने में उस फल को ले लेती है |सपने में माता द्वारा फल दिया जाना इस बात का प्रतीक होता है कि माता ने उस महिला को संतान का आशीर्वाद दे दिया |इतना ही नहीं फल से यह भी अनुमान लगाया जाता है कि होने वाला संतान पुत्र होगा या पुत्री | जैसे किसी महिला को आम, तरबूज 🍉 या अमरूद सपने में मिलता है तो उसे पुत्र की प्राप्ति होगी |इसी प्रकार यदि किसी महिला को लौकी, भिण्डी इत्यादि मिले तो यह समझा जाता है कि होने वाली संतान पुत्री होगी | यदि किसी महिला को धातु, पत्थर या काठ की बनी कोई वस्तु मिलती है तो यह माना जाता है कि उसे संतान सुख नहीं मिलेगा | अगर ऐसी महिलाएँ यह जानने के बाद भी वहाँ से नहीं जाती है तो उनके शरीर में व्याधियाँ उत्पन्न होने लगती है, जिससे मजबूरन उस महिला को मंदिर से जाना पड़ता है |


                             दोस्तो इस मंदिर के पास एक चमत्कारिक पत्थर भी है  जिसे आप दोनों हाथों से चाहे कितना भी बल लगा लो यह हिलेगा नहीं, परन्तु आप अपने एक हाथ की छोटी ऊँगली से इसे आसानी से हिला दोगे |

                           

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